इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) सरदारशहर का हिंदी विभाग विश्वविद्यालय का एक समृद्ध अंग है। इस विभाग की स्थापना सन् 2014 में हुई थी। समय के एक छोटे अंतराल में विभाग शैक्षणिक, अकादमिक, शोध व अन्य सहगामी गतिविधियों के द्वारा अपनी एक अलग पहचान बनाने को प्रयासरत है। विभाग की स्थापना का उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में शोध, शिक्षण, प्रशिक्षण तथा विमर्श आदि में उत्कर्ष लाना है। विद्यार्थियों को हिंदी भाषा, साहित्य, हिंदी लोक साहित्य और भारतीय संस्कृति से परिचित कराना विभाग का प्रमुख ध्येय है। हिंदी को रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहा है । समय-समय पर पाठ्यक्रम, शिक्षण, प्रशिक्षण व शोध को अद्यतन तथा प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्कृष्ट शिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देना, भारतीय मूल्य, नैतिकता और संस्कृति आधारित शिक्षा प्रदान करना, मानवता और मानव गुणवत्ता का विकास करना, रोजगारोन्मुखी कौशल विकसित करना, साहित्य के प्रति रुचि विकसित करना, भाषायी कौशल विकसित करना, अनुवाद दक्षता विकसित करना विभाग की कार्य प्रकिया का अंग है । विभाग के अधीन स्नातक कला, स्नातकोत्तर व पी-एच.डी. पाठ्यक्रम संचालित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यचर्या की पुनर्संरचना कर ग्रामीण क्षेत्र व कृषि आधारित समाज के विकास हेतु अनवरत प्रयास किये जा रहे हैं।
हिंदी भाषा की समृद्ध परंपरा रही है। हिंदी का व्यक्तित्व इतना विशाल है कि जो क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों को अपने में समाहित किए हुए है। सबको साथ लेकर वही चलता है जिसका ह्रदय विशाल हो और हिंदी भाषा ऐसी ही है।आज भी हिंदी न केवल भारतवर्ष में बल्कि विदेशों में बोली और पढ़ी जा रही हैं। संस्कृत के विद्वान होने के बावजूद भी तुलसीदास ने रामचरितमानस को संस्कृत में न लिखकर हिंदी भाषा(अवधी) में लिखा। यदि हम ये कहें कि भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व में तुलसीदास सबसे बड़े कवि और रामचरितमानस सबसे बड़ा महाकाव्य है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज़ इन एजुकेशन में छात्रों को केवल शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि यहाँ छात्रों को संस्कार भी दिया जाता है जिससे कि वे जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव का सामना करते हुए समाज को एक सही दिशा में ले जाएँ, और विश्वविद्यालय में यह संस्कार मिलता है हिंदी विभाग में। आने वाले समय में हिंदी विभाग अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
विभागाध्यक्ष
Courses
S.No | Name of Courses | Duration | Seats | Eligibility | Admission Procedure | Course Fee (Rs.) | Syllabus |
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1 | M.A. | Four Semesters | 30 | Graduate | Merit /Entrance Test | Rs 5500 Per Semester | |
2 | PhD | Six Semester | Post-Graduation | Entrance Test | 30000 per Semester |